नई दिल्ली. योगगुरु बाबा रामदेव ने गुरमीत राम रहीम को रेप केस में 20 साल की सज़ा सुनाए जाने का स्वागत किया और इसको एक उदाहरण क़रार दिया है. रामदेव ने कहा, ‘धर्म के नाम पर अधर्म नहीं होना चाहिए. धर्म तो जीवन का श्रेष्ठ आचरण है. ढोंग, आडंबर, पाखंड, हिंसा, क्रूरता, हत्या और बलात्कार को धर्म नहीं कहा जा सकता.‘
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘कोर्ट ने जो सज़ा दी है, 15 साल तक इस पर जांच हुई है. मुझे लगता है कि देर हो सकती है मगर अंधेर नहीं है. न्याय व्यवस्था आज इतनी म़जबूत हो चुकी है कि कोई भी व्यक्ति अपराध करके बच नहीं सकता. कोर्ट ने इसका बहुत बड़ा उदाहरण पेश किया है.‘
रामदेव ने कहा कि जो भी तथाकथित ताकतवर लोग हैं, वे ज़रूर इससे सीख लेंगे और पाप करने से बचेंगे.
डेरा समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शनों पर बात करते हुए रामदेव ने कहा, ‘यदि आप अपराधी हैं तो जो सज़ा मिली है, उसे भुगतो. इसमें दूसरे लोगों को बीच में क्यों लाते हो?‘
रामदेव ने कहा, ‘मुझसे लोग प्रेम करते हैं तो मेरी पवित्रता से प्रेम करते हैं. मगर जिस दिन मैं गिर जाऊं, फिर दूसरों को उकसाऊं, आग लगाने के लिए प्रेरित करूं और उनका हिंसा में अंत हो जाए. यह तो एक अपराध के बाद दूसरा अपराध है.‘
रामदेव ने गुरमीत राम रहीम को लेकर यह भी कहा कि अभी तो आगे मर्डर और नपुंसकता आदि के और केस हैं.
उन्होंने कहा, ‘यदि वह निर्दाेष हैं तो उन्हें भयभीत नहीं होना चाहिए. मगर वह दोषी हैं, तो जो सज़ा मिले, उसे स्वीकारना चाहिए.‘
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